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श्री राधा कृष्ण मंदिर बहुत ही व्यापक और कई वर्षो से जानसठ में स्तिथ प्राचीन मंदिर है! जो की भगवान श्री कृष्ण और राधा को समर्पित है!  इस मंदिर में भगवान शिव-पारवती, माँ सरस्वती , माँ दुर्गा, भगवान श्री राम माँ सीता , भगवान लक्ष्मण और श्री राम भक्त हनुमान जी की भी मूर्तियां विराजमान है!
इस वेबसाइट (www.shriradhakrishnamandirjansath.in) के द्वारा आप सभी धार्मिक भजन्स, वीडियोस, चित्र डाउनलोड कर सकते है! इतना ही नहीं, आप इस वेबसाइट पर तंत्र, मंत्र, यन्त्र और आरती भी पढ़ सकते है! तथा आप  अपनी कंप्यूटराइज्ड जन्मकुंडली भी बनवा सकते है! इस वेबसाइट के द्वारा आप अन्य ज्योतिष  विषयो के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते  है!









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aarti radha rani

  आरती राधा रानी  (aarti radha rani) ॐ जय श्री राधा जय श्री कृष्ण ॐ जय श्री राधा जय श्री कृष्ण श्री राधा कृष्णाय नमः .. घूम घुमारो घामर सोहे जय श्री राधा पट पीताम्बर मुनि मन मोहे जय श्री कृष्ण . जुगल प्रेम रस झम झम झमकै श्री राधा कृष्णाय नमः .. राधा राधा कृष्ण कन्हैया जय श्री राधा भव भय सागर पार लगैया जय श्री कृष्ण . मंगल मूरति मोक्ष करैया श्री राधा कृष्णाय नमः ..

aarti satya narayan

   सत्य नारायण जी की आरती  (aarti satya narayan ki ) ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय लक्ष्मीरमणा | सत्यनारायण स्वामी ,जन पातक हरणा रत्नजडित सिंहासन , अद्भुत छवि राजें | नारद करत निरतंर घंटा ध्वनी बाजें ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.... प्रकट भयें कलिकारण ,द्विज को दरस दियो | बूढों ब्राम्हण बनके ,कंचन महल कियों ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... दुर्बल भील कठार, जिन पर कृपा करी | च्रंदचूड एक राजा तिनकी विपत्ति हरी ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... वैश्य मनोरथ पायों ,श्रद्धा तज दिन्ही | सो फल भोग्यों प्रभूजी , फेर स्तुति किन्ही ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... भाव भक्ति के कारन .छिन छिन रुप धरें | श्रद्धा धारण किन्ही ,तिनके काज सरें ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... ग्वाल बाल संग राजा ,वन में भक्ति करि | मनवांचित फल दिन्हो ,दीन दयालु हरि ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... चढत प्रसाद सवायों ,दली फल मेवा | धूप दीप तुलसी से राजी सत्य देवा ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे | ऋद्धि सिद्धी

aarti shyam baba

आरती श्याम बाबा जी की  (aarti shyam baba ji ki) ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे | खाटू धाम विराजत, अनुपम रुप धरे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... रत्न जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुले| तन केशरिया बागों, कुण्डल श्रवण पडे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे| खेवत धूप अग्नि पर, दिपक ज्योती जले॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... मोदक खीर चुरमा, सुवरण थाल भरें | सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... झांझ कटोरा और घसियावल, शंख मृंदग धरे| भक्त आरती गावे, जय जयकार करें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे | सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... श्रीश्याम बिहारीजी की आरती जो कोई नर गावे| कहत मनोहर स्वामी मनवांछित फल पावें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे | निज भक्तों के तुम ने पूर्ण काज करें ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे.... ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे | खाटू धाम