Skip to main content

aarti shyam baba

आरती श्याम बाबा जी की 


(aarti shyam baba ji ki)



http://www.shriradhakrishnamandirjansath.in/



ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे |
खाटू धाम विराजत, अनुपम रुप धरे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे....
रत्न जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुले|
तन केशरिया बागों, कुण्डल श्रवण पडे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे....
गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे|
खेवत धूप अग्नि पर, दिपक ज्योती जले॥

ॐ जय श्री श्याम हरे....
मोदक खीर चुरमा, सुवरण थाल भरें |
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करें ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे....
झांझ कटोरा और घसियावल, शंख मृंदग धरे|
भक्त आरती गावे, जय जयकार करें ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे....
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे |
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरें ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे....
श्रीश्याम बिहारीजी की आरती जो कोई नर गावे|
कहत मनोहर स्वामी मनवांछित फल पावें ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे....
ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे |
निज भक्तों के तुम ने पूर्ण काज करें ॥


ॐ जय श्री श्याम हरे....
ॐ जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे |
खाटू धाम विराजत , अनुपम रुप धरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे...

Popular posts from this blog

aarti radha rani

  आरती राधा रानी  (aarti radha rani) ॐ जय श्री राधा जय श्री कृष्ण ॐ जय श्री राधा जय श्री कृष्ण श्री राधा कृष्णाय नमः .. घूम घुमारो घामर सोहे जय श्री राधा पट पीताम्बर मुनि मन मोहे जय श्री कृष्ण . जुगल प्रेम रस झम झम झमकै श्री राधा कृष्णाय नमः .. राधा राधा कृष्ण कन्हैया जय श्री राधा भव भय सागर पार लगैया जय श्री कृष्ण . मंगल मूरति मोक्ष करैया श्री राधा कृष्णाय नमः ..

aarti satya narayan

   सत्य नारायण जी की आरती  (aarti satya narayan ki ) ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय लक्ष्मीरमणा | सत्यनारायण स्वामी ,जन पातक हरणा रत्नजडित सिंहासन , अद्भुत छवि राजें | नारद करत निरतंर घंटा ध्वनी बाजें ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी.... प्रकट भयें कलिकारण ,द्विज को दरस दियो | बूढों ब्राम्हण बनके ,कंचन महल कियों ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... दुर्बल भील कठार, जिन पर कृपा करी | च्रंदचूड एक राजा तिनकी विपत्ति हरी ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... वैश्य मनोरथ पायों ,श्रद्धा तज दिन्ही | सो फल भोग्यों प्रभूजी , फेर स्तुति किन्ही ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... भाव भक्ति के कारन .छिन छिन रुप धरें | श्रद्धा धारण किन्ही ,तिनके काज सरें ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... ग्वाल बाल संग राजा ,वन में भक्ति करि | मनवांचित फल दिन्हो ,दीन दयालु हरि ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... चढत प्रसाद सवायों ,दली फल मेवा | धूप दीप तुलसी से राजी सत्य देवा ॥ ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी..... सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे | ऋद्धि सिद्धी